उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और बीजेपी के बड़े नेता रहे कल्याण सिंह का सोमवार यानी कि 23 अगस्त को अंतिम संस्कार किया जाएगा लेकिन उससे पहले कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन से जुड़ी एक तस्वीर पर बवाल शुरू हो गया है
हंगामा इस बात पर बरपा है कि कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर पर रखे गए राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर बीजेपी ने अपना झंडा रख दिया बवाल से भी बड़ा क्योंकि जिस वक्त रंगे पर बीजेपी का झंडा रखा गया उस समय खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर के पास मौजूद थे इसी को लेकर सियासी बयानबाजी यूरोपियन सी कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए सवाल खड़े किए हैं कहां है कि तिरंगे पर अपना झंडा रखकर बीजेपी ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है सवाल उठता है कि क्या वाकई में कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए तिरंगे से जुड़े नियम कायदे का पालन नहीं किया क्या बात करेंगे कि किसी के पार्थिव शरीर पर तिरंगा डालने के बारे में झंडा संहिता क्या कहा गया है बीती 1 अगस्त की देर रात कल्याण सिंह ने अंतिम सांस ली इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर लखनऊ स्थित उनके आवास पर - अंतिम दर्शन के लिए रखा गया लेकिन बाद में उनके पैर की ओर बीजेपी का भी जिंदा रख लिया गया लखनऊ के अखबारों में बताया गया है कि ऐसा कल्याण सिंह की आखिरी इच्छा की वजह से किया गया रिपोर्टों के मुताबिक दुनिया से जाएं तो उनके शरीर पर बीजेपी का झंडा लगा दिया जाए और तिरंगे के ऊपर बीजेपी का झंडा देख सोशल मीडिया पर बवाल शुरू हो गया लोग इसे नियमों का उल्लंघन और देशभक्ति से जोड़ कर देखने लगे दलों ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शुभेंदु शेखर रॉय ने कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन वाली तस्वीर हुई कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना क्या मातृभूमि का सम्मान करने का नया तरीका है रॉय ने जो तस्वीर शेयर की है उसमें बीजेपी के कई नेता नजर आ रहे हैं इनमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा यूपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह अंतिम दर्शन करते हुए दिख रहे हैं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी बीजेपी झंडे को राष्ट्रीय ध्वज पर रखे जाने को लेकर ट्वीट किया उन्होंने लिखा राष्ट्रगान गाते वक्त सीने पर हाथ रखने के लिए मेरे ऊपर केस किया और 4 साल तक लड़ाई मेरी समझ में अब देश को बताना चाहिए कि सत्ताधार -
Image Credit - Hamara Jammuपार्टी के बारे में क्या सोचती है ओवैसी की पार्टी आई एम के सांसद इम्तियाज अली ने ट्वीट किया कोई दूसरा झंडा तिरंगे के ऊपर नहीं रखा जा सकता कैसे बीजेपी के झंडे को हमारे तरंगे के ऊपर रखा जा सकता है यह एक देश विरोधी काम है झंडे को फहराने से लेकर दूसरी जगहों पर या कामों में इसके इस्तेमाल को लेकर नियम कायदे बनाए गए हैं भारतीय झंडा संहिता 2002 में इन्हें तहसील से बताया गया है कि संडे को फिर आते वक्त पर डालते वक्त कैसे इस्तेमाल करना है इसके बारे में भी साफ बताया गया है संडे को फहराने के नियम का उल्लेख भारतीय झंडा संहिता की भाग-2 की धारा 2 पॉइंट 2 में लिखा है इसके अनुसार दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर नहीं लगाया जाए ना ही पुलिस को माला प्रतीक या अन्य उसके ध्वज दंड के ऊपर रखे जाएं इससे साफ होता है कि राष्ट्रीय ध्वज के रहते किसी और चीज को ज्यादा महत्व नहीं दिया जा सकता उसके ऊपर रखना तो दूर की बात उसके बराबर भी कोई और झंडा नहीं लगाया जा सकता है इसी तरह सफल राष्ट्रीय झंडा रखने के नियम संहिता के भाग 2 की धारा 11 में लिखे गए हैं इसके अनुसार राजकीय सैनिक केंद्र अर्धसैनिक -
बलों के सम्मान में अंत्येष्टि के अवसरों पर 38 फीट का झंडे से ढक दी जाएगी उस वक्त झंडे का केसरिया भाग अर्थी या शॉप पे टिका के आगे की तरफ होगा झंडे को कब्र में दफना या या चिता में चलाया नहीं जा सकता अब आपको बताते हैं कि तिरंगे के अपमान पर सजा कितनी है और संविधान का अपमान करना दंडनीय अपराध है आने वाले को 3 साल तक की जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं राष्ट्रगान को जानबूझकर रूप में राष्ट्रगान गाने के लिए जमा हुए लोगों के लिए बाधा खड़ी करने पर अधिकतम 3 साल की सजा दी जा सकती है इसके साथ जुर्माना भरने का भी आदेश दिया जा सकता है !