15 अगस्त 2021 भारत अपनी आजादी की 7520 सालगिरह मना रहा था और पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान के नागरिक आजादी के साथ अपने मूल अधिकारों से भी वंचित किए जा रहे थे तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया और अफगानिस्तान में अफरा-तफरी मच गई तालिबान के इतिहास को देखते हुए सबको अपनी जान की चिंता थी लोग अपना अपना शहर अपना घर छोड़कर भागने लगे हैं अपने ही देश से निकलने की ऐसी जल्दी दिखी थी जिसे जहां जो जगह मिली उधर ही भाता दिखा लो प्लेन के पहियों तक पर लटक गए अफगानिस्तान के संकट का असर आस पड़ोस के देशों पर भी पड़ा इसमें भारत भी शामिल है भारत में रह रहे अफगान नागरिकों को वीजा खत्म होने की चिंता सताने लगी तो भारत सरकार इस बात को लेकर चिंतित दिखे कि शरणार्थियों की बाढ़ से कैसे निपटा जाए इसमें किसी देश के नागरिक को शरण देने का सिस्टम क्या है अफगानिस्तान के मौजूदा संकट के चलते दुनिया भर के बाकी देशों की तरह भारत पर भी शरणार्थियों को लेने का दबाव बना हुआ है अमेरिकी मीडिया का अनुमान है कि पिछले 10 दिनों के दौरान हर रोज करीब 30,000 अफगानी नागरिक देश छोड़ रहे हैं ज्यादातर लोग पैदा किया सड़क के रास्ते सीमावर्ती पाकिस्तान के -
साथ ही भारत की तरफ भी बढ़ रहे हैं बताया जा रहा है कि आप लोग भी देश छोड़कर भारत का रुख कर चुके हैं बीते सप्ताह से अब तक कई बड़े अफगानी नेता और सांसद भारत पहुंच चुके हैं अफगानिस्तान के संसद के उच्च सदन के वरिष्ठ सलाहकार समेत करीब 12 सांसदों नेताओं ने भारत में शरण ली है अफगान मुख्य वार्ताकार अब्दुल्ला अब्दुल्ला का परिवार भी फिलहाल भारत में रहता है कि भारत मिशन फॉर रिफ्यूजी की रिलेशन ऑफिसर उन्होंने न्यूज से बातचीत में पिछले 20 सालों में भारत आए अफगान शरणार्थियों के बारे में बताते हुए कहा है एनसीआर के पास 15467 अफगान शरणार्थी रजिस्टर्ड है जानकारों का मानना है कि अफगानिस्तान से भारत में शरण मांगने वालों की संख्या तेजी से बढ़ेगी भारत सरकार द्वारा से अफगानिस्तान के नागरिकों के भारत में आने अब बने रहने की समस्या से निपट रही है जल्दी विजय भारत में कई अफगान नागरिक पढ़ाई करते हैं दूसरे कामों की वजह से बने हुए हैं वह वक्त पर अफगानिस्तान जाते हैं और वापस आते हैं लेकिन बदले हुए हालात में वह अफगानिस्तान जाना ही नहीं चाहते भारत में वीजा नियमों में बदलाव किया है गृह मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक वीजा की एक नई - कैटेगरी शुरू की ताकि भारत आने वाले अब गानों को जल्द से जल्द वीजा मिल सके आज की खबर के मुताबिक वीजा की नई इमरजेंसी एक्सप्रेसबीस शुरू की गई है ! चाहे वीजा के लिए अप्लाई कर सकता है हालांकि से वीजा देना है या नहीं इसका फैसला भारतीय दूतावास करेगा अभी तक गाड़ी नहीं दिया जाता था हालात को देखते हुए अफगानी नागरिकों को भी की वीजा दिया जाएगा पहली बार की वीजा छे महीने के लिए दिया जाएगा अगर आपको अमेरिका जाना है तो भारत में स्थित अमेरिकी एंबेसी जाकर वीजा लेना होगा उसकी फीस भरनी होगी कई देश वीजा के लिए इंटरव्यू देने का सिस्टम शुरू कर दिया है कार्रवाई से लेकर सब कुछ ऑनलाइन हो जाएगा भारत लाने की जरूरत नहीं है उसी के बल पर वीजा अप्लाई कर सकते हैं उसकी जानकारी, का तरीका झांक बाद दूसरे देश के नागरिकों को भारत में शरण देने की है तो यह मामला काफी जटिल है सबसे बड़ी चुनौती केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारों को लेकर है कानून व्यवस्था राज्य का विषय होता है जब तक केंद्र सरकार का इसकी वजह से मामला लंबा खींचता है प्रदेश राज्य में आ रहे हैं ऐसे में किसी भी तरह की गड़बड़ ना हो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है लेकिन जुड़ा हुआ है सरकार की जिम्मेदारी बनती है भले ही चुनाव के लिए यूनाइटेड नेशंस के बनाए नियम कायदों पर दस्तखत नहीं हूं लेकिन वह इसके अलावा भी कई तरह के समझौतों से बंधा है ऐसे थे यूनाइटेड नेशंस हुमन राइट्स कमिशन अपने देश में परेशानी झेल रहे नागरिकों को दूसरे देशों में शरणार्थी के तौर पर बताने के काम में यह संस्था मदद करती है मानवाधिकार के मुद्दों से जुड़ी संस्था भारत में भी काम करती है शरण मांगने के लिए क्या आधार जरूरी है इस पर बात करते हैं शरण मांगने वाले को दिखाना पड़ता है कि उसे अपने देश में बहुत खतरा है और वह हर हाल में पेश होने को मजबूर है शरण मांगने वाले को इस सिद्ध करना होता है कि उसे उसकी जाति धर्म पहचान राजनीतिक विचारधारा या किसी सामाजिक - समूह का हिस्सा होने की वजह से उसके देश में परेशान किया जा रहा है यदि पूरी करने के बाद शरण लेने वालों को यूनाइटेड नेशंस हाई कमिशन फॉर रिफ्यूजी के दिल्ली या चेन्नई ऑफिस जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होता है एक व्यक्तिगत ऋण आरती और उसके परिवार के सदस्यों को सेंटर पर मौजूद होना होता है सेंटर पर मौजूद अधिकारी से बात करके उसके समझते हैं पता लगाते हैं कि केस रजिस्टर करने लायक है या नहीं जरूरी कागजात मांगे जाते हैं अगर पहले रजिस्ट्रेशन हो चुका है उसका केस नंबर पासपोर्ट राष्ट्रीयता को साबित करने वाला कोई डॉक्यूमेंट जन्म प्रमाण पत्र बच्चों का वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट इनके अलावा केस मजबूत कर सके एजुकेशनल क्वालीफिकेशन फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू होगी अगर एक भी डॉक्यूमेंट नहीं है तो यह भी फॉर्म में दर्ज किया जाएगा तस्वीर खींची जाएगी बायोमैट्रिक फिंगरप्रिंट आंखों की पुतलियों को किया जाता है एक बार फोन जमा होने के बाद अंडरकंसीडरेशन से दिया जाता है इसका मतलब शरण लेने का मामला सरकार को भेज दिया गया है 20 महीने के भीतर आवेदक का इंटरव्यू लिया जाता है इस के दावे को परखा जाता है अगर उसके दावे में दम लगता है तो शरणार्थी का स्टेटस पी लिया जाता है अगर शरण देने का केस रिजेक्ट हो जाता है तो 30 दिन के भीतर इसके खिलाफ अपील की जा सकती है आवेदन रखने का फैसला पूरी तरह से देश की सरकार करती है समझ कर सारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गुणा गणित लगाने के बाद ही किसी नागरिक को शरण देने का फैसला लेती है इसे भी समझा जा सकता है कि भारत ने श्रीलंका में लिट्टे संकट के बाद 1989 में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के चलते और बांग्लादेश संकट के वक्त बिना जरूरी कागजात के बहुत से लोगों को शरणार्थी का दर्जा प्रदान किया था लेकिन 2017 में नरेंद्र मोदी सरकार ने माल को शरण देने से इंकार करके उन्हें वापस भेज दिया था !