अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां दहशत और अफरा-तफरी का माहौल है इस बीच को सोशल मीडिया यूजर्स आरोप लगा रहे हैं कि नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग पॉप गायिका रिहाना और पूर्व एडल्ट स्टार मिया खलीफा जैसी मशहूर हस्तियां किसान आंदोलन जैसे भारत के मसलों पर तो खूब बयानबाजी करते हैं पर अफगानिस्तान संकट को लेकर उनकी जुबान पर ताला लग गया है ग्रेटर थन रिहाना और 9 फरवरी 2021 में भारत में चल रही किसान आंदोलन के समर्थन में थे वहीं साल 2019 में कश्मीर से धारा 370 किए जाने के बाद वहां के हालात को लेकर चिंता जताई थी!
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तुम्हारे दो शब्द बोलने का इंतजार रहेगा पैसे लेकर मलाला बेटा रेहान और मियां खलीफा को हिंदुस्तानी किसानों की इतनी चिंता थी पर तालिबान पर किसी ने एक शब्द नहीं बोलता भी की पड़ताल की और पाया कि मलाला ग्रेता थनबर्ग मियां खलीफा इन तीनों ने ही ट्विटर पर अफगानिस्तान संकट को लेकर चिंता जाहिर की है हालांकि इस था कि पॉप स्टार रिहाना ने कोई बयान नहीं दिया है अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर मलाला यूसुफजई ने स्वागत किया स्थान पर कब्जा जमाया था रहा है उसे देख कर हम बेहद सदमे में मुझे महिलाओं अल्पसंख्यकों और मानव अधिकारों की पैरवी करने वालों की सबसे अधिक चिंता है अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर तुरंत संघर्षविराम की कोशिश की जानी चाहिए बिना किसी देश के लोगों की मदद की जानी चाहिए नागरिक और शरणार्थियों को बचाया जाना चाहिए ! तालिबान आतंकियों ने पाकिस्तान में गोली मार दी थी क्योंकि उन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज बुलंद की थी मलाला उस वक्त सिर्फ 15 साल की थी तालिबान के कब्जे को लेकर लिखा जी देखना बेहद दिल तोड़ने वाला और शर्मनाक है कि कैसे पूरे विश्व में दुनिया ने अफगानिस्तान के नागरिकों का भरोसा तोड़ दिया वहां के लोगों खासतौर पर बच्चे महिलाएं किन हालातों का सामना कर रहे हैं इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है इसी तरह मियां खलीफा ने अफगानिस्तान के मसले को लेकर 2 ट्वीट किए जिनमें से अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान का कब्जा होने के बाद कब्जे के बाद वहां के राष्ट्रपति भाग गए यह हो क्या रहा है स्थान के मौजूदा हालात पर रिहाना ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी !