देवेंद्र झाझरिया के नाम पैरालंपिक मेडल हो गए उन्होंने साल 2016 के रियो ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल सुधार है लेकिन इसके बाद भी उन्हें सिल्वर से ही संतोष करना पड़ा जबकि झाझरिया ने 64.53 मीटर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके झाझरिया ने सिल्वर मेडल के बाद ... चलाते हैं किस बात की थी उन्होंने क्या कहा !
ओलंपिक खेलों में जो मेडल कि मैंने जो है योगदान रहा है मेरी परिवार वाइफ मेरे को सुनील तवर जिन्होंने मुझे लगातार पांच साल से ट्रेनिंग करवाई है और मैसेज भी थैंक्यू बोलना चाहूंगा भारत सरकार को जिन्होंने मुझे ट्रेनिंग हुई है करवाई आने से पहले माननीय प्रधानमंत्री जी ने जो हमारा हौसला बढ़ाया जो बात की मेरे से मेरे परिवार से जीतने के बाद उन्होंने बधाई दी बहुत ही खुशी होती जब देश का एक प्रधानमंत्री आपको बधाई देता है कि झाझरिया राजस्थान के चुरू जिले के रहने वाले 8 साल की उम्र में पेड़ पर चढ़ते वक्त तारों से बेहतर बिजली की चपेट में आ गए थे !
उनका बाया हाथ काटना पड़ा साल 1997 में द्रोणाचार्य अवॉर्डी सिंह की नजर में आए और यहीं से उन्होंने पहले ही पैरालंपिक में उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीता इंटरनेशनल चुके झाझरिया को अर्जुन अवार्ड पदम श्री और खेल रतन जैसे वोट सम्मानित किया जा चुका है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो करोड़ की धनराशि देने की घोषणा की है क्या हाल है यूपी शुरू हो चुका है !