तीरथ सिंह रावत का इस्तीफा? - उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया है. अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और धन सिंह रावत को भी दिल्ली बुलाया गया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उन्होंने इतनी आसानी से इस्तीफा नहीं दिया है, इसके लिए तीन दिन और दो मीटिंग की जरूरत पड़ गई। उत्तराखंड में भाजपा के अंदर सियासी मंथन पिछले तीन दिनों से राजधानी दिल्ली में चल रहा था। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने तीन दिन के भीतर भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से दो बार मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, इन्हीं मुलाकातों के बाद रावत अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हुए। शुक्रवार देर शाम नड्डा से मुलाकात के बाद देहरादून जाकर उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। इससे पहले भाजपा अध्यक्ष ने मुलाकात के बाद रावत ने कहा था कि उन्होंने आगामी चुनाव व राज्य के विकास को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा की है।
गंगोत्री से चुनाव लड़ने वाले हैं तीरथ सिंह रावत
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधानसभा के सदस्य नहीं है. 10 मार्च को जब वह सीएम बने थे, तब वह पौड़ी गढ़वाल से सांसद थे. ऐसे में तीरथ सिंह रावत को 6 महीने के भीतर विधानसभा उपचुनाव जीतना होगा. बताया जा रहा है कि तीरथ सिंह गंगोत्री से चुनाव लड़ेंगे. आम आदमी पार्टी ने उनके खिलाफ कर्नल अजय कोठियाल को मैदान में उतारा है. पौड़ी से लोकसभा सांसद रावत ने इस साल 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद संभाला था। अपने पद पर बने रहने के लिए 10 सितम्बर तक उनका विधानसभा सदस्य निर्वाचित होना संवैधानिक बाध्यता है। प्रदेश में फिलहाल विधानसभा की दो सीटें गंगोत्री और हल्द्वानी रिक्त हैं जहां उपचुनाव कराया जाना है। कोरोना काल में चुनाव आयोग ने सभी तरह के चुनाव रोक रखे हैं। ऐसे में उपचुनाव कराए जाने का फैसला निर्वाचन आयोग पर निर्भर करता है।
तीरथ सरकार के खिलाफ AAP का प्रदर्शन -
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के 100 दिनों के कार्यकाल को लेकर शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रदेश की सभी 70 विधानसभाओं में तीरथ सिंह रावत सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इसी के तहत, देहरादून में आम आदमी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क से लेकर घंटाघर तक सरकार ... सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन करते हुए निकले अपनी रणनीति साफ कर दी है, कांग्रेस भी सत्ता वापसी के सपने भुना रही है. वहीं आम आदमी पार्टी इस बार राज्य में अपनी जोरदार दस्तक देना चाहती है. कोशिश की जा रही है कि दिल्ली के बाद इस पहाड़ी राज्य में धमक दिखाई जाए.
तीरथ सिंह रावत का दावा- आजादी के बाद राशन कार्ड पर कभी नहीं मिली चीनी, हम दे रहे हैं -
दरअसल, शुक्रवार को ही सीएम तीरथ सिंह रावत ने कैबिनेट मीटिंग में चीनी देने का फैसला लिया था. इसके तहत तीन महीने यानी जून, जुलाई और अगस्त में 2 किलो चीनी नहीं दी गई. इसी फैसले का गुणगान करते हुए उनकी जुबान फिसल गई. शनिवार को एक कार्यक्रम में पहुंचे सीएम रावत का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें वो कह रहे हैं, "चीनी कभी नहीं मिली, जब से देश आजाद हुआ. दुख में, कष्ट में, आपदा में कभी भी नहीं मिली. हम चीनी तीन महीने दे रहे हैं. कल ही मैंने कैबिनेट में पास किया "